
टूटी कांग्रेस की यूनिटी ? फायरब्रांड युवा नेता ने थामा कमल
यूनिटी मार्च बना राजनीति का रणक्षेत्र, कांग्रेस को करारा झटका
घरघोड़ा से तमनार तक बुधवार को निकले बीजेपी के यूनिटी मार्च के दौरान राजनीति का माहौल अचानक गरम हो गया। कांग्रेस के फायरब्रांड युवा नेता रजनीकांत ने सैकड़ों समर्थकों के साथ भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सबको चौंका दिया। वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, सासंद राधेश्याम राठिया , ज़िलाध्यक्ष अरूणधर दीवान , ज़िला उपाध्यक्ष नरेश पंडा , सुनील ठाकुर, मंडल अध्यक्ष राजेश पटेल और भाजपा नेताओं की मौजूदगी में हुई यह घोषणा किसी सियासी विस्फोट से कम नहीं थी। भीड़ तालियों और नारों से गूंज उठी, जबकि कांग्रेस खेमे में मायूसी और सन्नाटा पसर गया। लंबे समय से कांग्रेस संगठन का सशक्त चेहरा रहे रजनीकांत ने कहा, “अब युवाओं को नए भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभानी होगी।” यह बयान क्षेत्र में नई राजनीतिक हलचल की शुरूआत साबित हुआ है। स्थानीय विश्लेषक इसे भाजपा की युवा रणनीति का ‘मास्टरस्ट्रोक’ बता रहे हैं, जिसने कांग्रेस की एकता को खुली चुनौती दे दी है।
छात्र राजनीति से राष्ट्रीय पहचान तक, रजनीकांत की दमदार पारी
रजनीकांत की राजनीतिक यात्रा छात्रसंघ चुनाव से शुरू हुई, जब 2014 में उन्होंने सचिव पद पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। इसके बाद वे एनएसयूआई ब्लॉक अध्यक्ष, प्रदेश संयोजक और राष्ट्रीय संयोजक बने। संगठन में रहते हुए उन्होंने उड़ीसा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में पार्टी को नई ऊर्जा दी। उनके नेतृत्व में सैकड़ों युवाओं ने राजनीति में कदम रखा, जो उन्हें एक प्रेरणास्रोत के रूप में देखते हैं। स्पष्ट विचारों और तेज तर्रार व्यक्तित्व के चलते वे युवा वर्ग में बेहद लोकप्रिय रहे। लेकिन अब कांग्रेस छोड़ने के उनके फैसले ने प्रदेश के सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। कई राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह सिर्फ दल बदल नहीं, बल्कि विचारधारा की नई परिभाषा है जो आने वाले चुनावों में असर दिखाएगी।
रजनीकांत इफेक्ट: युवाओं में कमल लहर, सियासत में नई बयार
यूनिटी मार्च के बाद क्षेत्र में रजनीकांत के बीजेपी प्रवेश से सियासी हलचल तेज होने लगी है। रजनीकांत के कदम से प्रेरित होकर कई युवा नेता और छात्र संगठन सदस्य भाजपा जॉइनिंग की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में बड़ी संख्या में युवा उनके साथ पार्टी में शामिल हो सकते हैं। इस परिवर्तन को भाजपा का सबसे बड़ा ‘युवा ब्रेकथ्रू’ बताया जा रहा है। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि रजनीकांत अब सिर्फ एक नाम नहीं, बल्कि वह चेहरा हैं जो युवाओं को भाजपा की विचारधारा से जोड़ने की नई राह खोल रहे हैं — एक ऐसा चेहरा, जिसने यूनिटी मार्च को कांग्रेस के लिए झटका और भाजपा के लिए जीत का जश्न बना दिया।
दमदार युवा चेहरे से बदलेंगे सियासी समीकरण
रजनीकांत की जॉइनिंग के बाद से घरघोड़ा, तमनार और आस-पास के इलाकों में चर्चा का सबसे गर्म विषय यही है। कॉलेज परिसरों से लेकर चाय की दुकानों तक, हर जगह ‘रजनीकांत इफेक्ट’ पर बहस हो रही है। कई युवाओं ने सोशल मीडिया पर उनके समर्थन में पोस्ट और वीडियो साझा किए हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस खेमे में संगठन को मजबूत बनाए रखने की कवायद शुरू हो गई है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यदि यही रुझान जारी रहा, तो रजनीकांत आने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए ‘युवाशक्ति’ का सबसे मजबूत प्रतीक बन सकते हैं और यह बदलाव क्षेत्र की राजनीति में नई दिशा तय कर सकता है।
ओपी चौधरी के युवा कार्यशैली से प्रभावित होकर लिया फैसला
रजनीकांत ने बताया कि वे लंबे समय से वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी की युवा नेतृत्व शैली और विकास केंद्रित सोच से प्रभावित रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओ.पी. चौधरी ने जिस तरह युवाओं को अवसर और मंच दिया है, वह वास्तव में प्रेरणादायक है। “उनकी कार्यशैली ने यह विश्वास दिलाया कि राजनीति बदलाव का माध्यम बन सकती है, अगर उसमें युवाओं की ऊर्जा और ईमानदारी जुड़ जाए,” रजनीकांत ने कहा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब वे भाजपा के मंच से युवाओं के विकास और क्षेत्र के प्रगति कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाना चाहते हैं।










